कर्नाटक में सीनियर विधायकों की अनदेख, मंत्रीमंडल में नही मिली जगह, समर्थक उतरे सड़कों पर

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बेंगलुरु। कर्नाटक की जेडी(एस)-कांग्रेस गठबंधन की सरकार के कैबिनेट का गठन बुधवार को हो गया। कांग्रेस के 15 और जेडी(एस) के 10 विधायकों समेत राज्य को कुल 25 मंत्री मिले। इस सबके बीच कांग्रेस में मंत्रीपद को लेकर पैदा हुई रार भी सबके सामने आ गई। दरअसल, उम्मीदों से उलट पार्टी के कई बड़े नेताओं को किनारे कर दिया गया।
Unaware of senior legislators in Karnataka, not found in the cabinet, supporters on the downtrodden roads
पिछली सिद्धारमैया सरकार में बड़ी भूमिका निभाने वाले नेताओं को मंत्रीपद नहीं मिले। इससे नाराज समर्थक सड़कों पर उतर आए और पार्टी के अंदर का तनाव बाहर आ गया। एचके पाटिल, रामलिंग रेड्डी, रोशन बेग, एमबी पाटिल और तनवीर सैत के मंत्रिमंडल में शामिल होने की अटकलें ऐन मौके तक लगाई जा रही थीं, लेकिन आखिरी सूची ने सभी को झटका दे दिया।

कहीं पार्टी, तो कहीं दुनिया छोड़ने की धमकी
यहां तक कि लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा देने के कदम की अगुवाई करने वाले एमबी पाटिल ने पार्टी छोड़ने की धमकी तक दे डाली। उन्हें मनाने के लिए कृष्ण बैरगौड़ा और विनय कुलकर्णी को फौरन भेजा गया। उधर, एचके पाटिल के समर्थकों ने जहां पद छोड़ने की धमकी दी, वहीं सैत के एक समर्थक ने तो सड़क पर ही अपने ऊपर केरोसीन छिड़क लिया।

पार्टी से नाराजगी
सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने कुछ नेताओं को इसलिए झटका दिया है कि क्योंकि हाइकमान को लगता है कि स्थानीय नेतृत्व ने चुनाव को समझा नहीं, जिस कारण कांग्रेस को गठबंधन कर सरकार में जूनियर पार्टनर के तौर पर शामिल होना पड़ा।

जेडी(एस) को भरना है एक पद
जेडी(एस) भी विरोध से अछूती नहीं थी। एमसी मनुगुली के समर्थक पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख एचडी देवगौड़ा के घर तक पहुंच गए। हालांकि, जब उन्हें बताया गया कि मनुगुली का नाम मंत्रियों की लिस्ट में शामिल है तब वे शांत हुए। जेडी(एस) ने शपथग्रहण से पहले 3 पद खाली रखे थे जिन्हें बाद में भरा जाना था लेकिन ऐन मौके पर दो नाम शामिल कर अब उसके पास भरने के लिए एक पद खाली है।

उधर, कांग्रेस के पास 6 पद खाली हैं। गौरतलब है कि मंत्रियों में विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है। हालांकि, दिल्ली और बेंगलुरु में चले बैठकों के दौर में इस बात का फैसला हो चुका है। कांग्रेस के मंत्रियों में से 7 नए चेहरे हैं जबकि जेडी(एस) के 6 विधायक पहली बार मंत्री बने हैं।