नई दिल्ली। ऐसे समय में जब जॉबलेस ग्रोथ को लेकर बहस छिड़ी हुई है केंद्र और राज्य सरकारों में विभिन्न तरह के 24 लाख पद खाली हैं। संसद में दिए गए कई सवालों के जवाब से यह आंकड़ा निकल कर सामने आया है। 8 फरवरी को राज्यसभा में दिए गए एक सवाल के जवाब से पता चला है कि इसमें सबसे ज्यादा खाली पद प्राथमिक शिक्षकों (9 लाख) और माध्यमिक शिक्षकों (1.1 लाख) के हैं।
Unemployment: Near the central and state governments, jobs are stored, 24 lakh posts are vacant
ये वेकन्सी केंद्र द्वारा वित्तपोषित सर्वशिक्षा अभियान के अलग है जहां केंद्रशासित प्रदेशों या राज्यों को शिक्षक रेशियो स्टैंडर्ड के हिसाब से रखने के लिए वित्तीय सहायता मिलती है। खाली पोस्ट के मामले में पुलिस फोर्स दूसरे नंबर पर हैं। देशभर की पुलिस फोर्स में 5.4 लाख पोस्ट खाली हैं।
ब्यूरो आॅफ पुलिस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट के आंकड़ों को कोट करते हुए 27 मार्च को लोकसभा में दिए गए एक जवाब के मुताबिक सिविल और डिस्ट्रिक्ट आर्म्ड पुलिस + में 4.4 लाख पद खाली हैं। इसी के मुताबिक स्टेट आर्म्ड पुलिस में 90000 अतिरिक्त पोस्ट खाली हैं। चूंकि लॉ ऐंड आॅर्डर स्टेट सूची में आते हैं इसलिए ये पद राज्य सरकारों के अधीन हैं।
दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत में जनसंख्या के हिसाब से पुलिस का रेशियो सबसे कम में से एक है। कानून और न्याय से जुड़े मुद्दों जैसे पेंडिंग केस और सजा की दर कम होने के पीछे इसे भी एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। पुलिस के ऊपर केसों का दबाव है और इससे जांच प्रभावित हो रही है। इसी तरह करोड़ों पेंडिंग केस के भार तले दबी न्यायपालिका में भी तमाम पद खाली हैं।
18 जुलाई को लोकसभा में दिए गए एक सवाल के जवाब में बताया गया कि देशभर की अदालतों में 5800 के करीब पद खाली हैं। राज्यसभा में 14 और 19 मार्च व लोकसभा में 4 अप्रैल को दिए गए सवालों के जवाब के मुताबिक डिफेंस सर्विसेज और पैरामिलिटरी फोर्सेज में 1.2 लाख से अधिक पद खाली हैं। इनमें से 61 हजार पद पैरामिलिटरी फोर्सेज में और 62 हजार पद तीनों सैन्य बलों में खाली हैं।
इसके अलावा रेलवे + में नॉन गजेटेड स्टाफ के 2.5 लाख पद खाली। राज्यसभा में 16 मार्च को दिए गए एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी गई है। हालांकि इसके साथ यह भी बताया गया है कि इनमें से 89000 पदों पर भर्ती के लिए फरवरी में दो नोटिफिकेशन जारी किए गए हैं।