लखनऊ
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए मामले से जुड़े सभी केस दिल्ली ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं साथ ही दुर्घटना की जांत 45 दिन में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। वहीं दूसरी तरफ केस दर्ज करने के बाद सीबीआई की टीम तेजी से हादसे की जांच में लगी है।
इस दौरान टीम को उस टोल बूथ की सीसीटीव फुटेज मिली है जिससे होकर वो ट्रक गुजरा था जिसकी वजह से दुर्घटना हुई। फुटेज के अनुसार ट्रक टोल बूथ से पीड़िता की कार के 7 घंटे पहले गुजरा था। जानकारी के अनुसार सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को “कातिल” ट्रक के रूट की पड़ताल भी की।
टीम ने लालगंज-रायबरेली मार्ग पर स्थित अइहर टोल प्लाजा की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली। सीसीटीवी फुटेज में मौरंग लदा ट्रक अलसुबह 5.19 बजे टोल प्लाजा से निकला। दोपहर 12.32 बजे पीड़िता की कार वहां से गुजरी। दोपहर लगभग एक बजे अटौरा के पास सुलतानपुर मोड़ के निकट हादसा हो गया।
सूत्रों का कहना है कि सीबीआई की जानकारी में आया है कि जिस कार में पीड़िता व उनके परिजन सवार थे, उसकी स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा थी। जबकि ट्रक की रफ्तार 70 से 80 किमी प्रति घंटा थी। ट्रक की दिशा गलत थी।
मामले को लेकर बिल्डिंग मेटेरियल सप्लाई से जुड़े लोगों का मानना है कि अगर मौरंग से लदा ट्रक 6.30 बजे भी रायबरेली पहुंचा होगा और शहर में ही कहीं उसकी अनलोडिंग हुई होगी तो इसमें कम से कम तीन घंटे का वक्त लगता है। इसके बाद जो माल उतारा गया उसकी कीमत लेने में एक घंटे का वक्त जाता है। इसका मतलब ट्रक को निकलते- निकलते 12 बज गया होगा। जिस रफ्तार से ट्रक निकला था, वो संदेह पैदा कर रहा है।
दिल्ली से सीबीआई के फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम शुक्रवार को लखनऊ पहुंचेगी और रायबरेली जाकर घटनास्थल का निरीक्षण करेगी। वहीं पीड़िता का हाल जानने गुरुवार को सीबीआई टीम भी ट्रामा सेंटर पहुंची और इसके घरवालों से मुलाकात करके घटनाक्रम की जानकारी जुटाई। टीम ने घायल अधिवक्ता के घरवालों से भी बातचीत की।
सीबीआई ने ट्रक मालिक देवेंद्र किशोर पाल के दो मोबाइल नंबरों के अलावा ट्रक मालिक के भाई दिलीप पाल, चालक आशीष व क्लीनर के मोबाइल फोन की एक माह की कॉल डिटेल हासिल की है।