प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ बेरोजगारों में पनपने लगा आक्रोश

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भोपाल। प्रदेश में बीते डेढ़ दशक से प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा के रणनीतिकारों के फैसले अब उसके लिए ही मुसीबत बनती जा रही है। इसकी वजह है सरकार के वे अफसर जो सरकार की आंख-नाक और कान के रूप में जाने जाते हैं। ऐसे करीब आधा दर्जन अफसर हैं, जो सरकार को चलाते हुए दिखते हैं।

इन अफसरों की सलाह अब सरकार के लिए चुनावी वर्ष में मुसीबत बनती जा रही है। सरकार द्वारा हाल ही में सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से 62 वर्ष किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इससे बेरोजगारों में जमकर असंतोष फैल गया है। अब यह बेरोजगार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं।

खास बात यह है कि लाखों बेरोजगार सरकार के इस फैसले से अब परीक्षा के लिए तय आयु की वजह से नौकरी के लिए अयोग्य घोषित हो जाएंगे। सरकार के फैसले से बढ़ते असंतोष को देखते हुए अब सफाई देते हुए कहा है कि इस साल 89 हजार युवाओं को नौकरी दी जाएगी। सरकारी दावे के मुताबिक राजस्व विभाग में 9500 पटवारियों, 400 नायब तहसीलदार और 100 अन्य पद सहित कुछ 10 हजार पदों पर भर्ती होगी। स्वास्थ्य विभाग में 3500 पदों पर भर्ती होना है। इनमें 1300 चिकित्सक, 700 पैरामेडिकल स्टॉफ, 1053 स्टॉफ नर्स और 500 एएनएम शामिल हैं।

पुलिस में 8 हजार पदों पर भर्ती के अलावा होमगार्ड में 4 हजार पदों पर भर्ती का दावा भी सरकार ने किया है। खास बात यह है कि बीते डेढ़ दशक में सरकार ने रोजगार की तरफ ध्यान ही नहीं दिया, जिसके चलते बेरोजगारी में तेजी से वृद्धि हुई है। प्रदेश में इस समय बेरोजगारी का आलम इसकदर बढ़ गया है कि एक-एक पद के लिए हजारों की संख्या में फॉर्म भरे जाते हैं, जिसमें ग्रेजयुएट, पोस्ट ग्रेजयुएट, एमबीए, पीएचडीधारी भी शामिल रहते हैं