अमेरिकी अटॉर्नी जनरल रवि बत्रा ने कहा-आतंक को खत्म करने की जरूरत ताकि अधिकार और आजादी का अर्थ बना रहे

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वाशिंगटन

भारतीय मूल के अमेरिकी अटॉर्नी जनरल रवि बत्रा ने कहा कि आतंक को खत्म करने की आवश्यकता है ताकि अधिकार और स्वतंत्रता का अर्थ बना रहे। उनका यह बयान तब आया, जब कई अमेरिकी सांसद जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद राज्य में मानवाधिकार के उल्लंघन पर चिंता प्रकट कर रहे थे। बत्रा ने यह बात दक्षिण एशिया में मानवाधिकार पर कांग्रेस की उपसमिति के समक्ष रखी।

जम्मू-कश्मीर भारत के साथ कानूनी डिक्री से जुड़ा है: बत्रा

  1. बत्रा ने कहा, “जब आतंकवाद हर रोज की बात बन चुकी हो और घरेलू स्तर पर इसे बढ़ावा दिया जा रहा हो, ऐसे में लोग अपने घरों से बाहर नहीं आना चाहते क्योंकि उन्हें हमेशा इसका भय रहता है कि कहीं वह किसी विस्फोट का शिकार न हो जाए। ऐसे में मानवाधिकार से पहले जिंदा रहना अहम हो जाता है।”
  2. उन्होंने कहा, “मैं भारत से माफी मांगना चाहता हूं। जब वहां 26 नवंबर 2008 को मुम्बई आतंकी हमला हुआ, तब मैंने उनसे संयम बरतने को कहा था। मैं गलत था। उस हमले में पाकिस्तान के आतंकवादियों ने कई यहूदी और अमेरिकी नागरिकों की जान ली थी। भारत मुम्बई हमले के बाद काफी कुछ सीखा है। आतंक को खत्म करने की आवश्यकता है ताकि अधिकार और आजादी का मतलब बना रहे।”
  3. बत्रा ने कहा, “भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की तरह कानूनी बदलाव लाए हैं। उन्होंने लोगों के लिए समान अधिकार देने का वादा किया था और 5 अगस्त 2019 को उन्होंने जो किया वह न्यायपूर्ण था। इससे कोई युद्ध नहीं हुआ। संचार प्रक्रिया बाधित होने और इंटरनेट सेवा खत्म किए जाने से आतंकवादी निष्क्रिय हो गए।”
  4. उन्होंने कहा, “कश्मीर भारत के साथ कानूनी डिक्री से जुड़ा हुआ है क्योंकि तत्कालीन हिंदू शासक महाराजा हरि सिंह ने उस डिक्री पर हस्ताक्षर किए थे। इससे पहले विभाजन के कारण लाखों लोगों की मौत हो गई थी।”