नई दिल्ली। ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को भारत की 50 वस्तुओं को ड्यूट-फ्री लिस्ट से बाहर कर दिया है। इससे पहले भी भारत को अमेरिकी सरकार की ओर से व्यापार पर झटका मिल चुका है। इसलिए, संभव है कि आज भारत का धैर्य टूट जाए और नई दिल्ली भी वॉशिंगटन के जवाब में कुछ कड़े कदमों का ऐलान कर दे। ध्यान रहे कि अमेरिकी प्रशासन ने गुरुवार को कुल 90 सामानों को ड्यूटी-फ्री लिस्ट से बाहर किया था, जिनमें 50 ऐसी वस्तुएं शामिल हैं, जिनका अमेरिका में ज्यादातर आयात भारत से ही होता है। अमेरिकी प्रशासन का यह फैसला 1 नवंबर से लागू भी हो चुका है।
US government gives a shock to India, 50 items out of duty-free list
जवाब देने से बचता रहा है भारत
दरअसल, भारत ने जून महीने में ही विश्व व्यापार संगठन को अवगत करा दिया था कि 30 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाया जाएगा। भारत ने मोटरसाइकल, भारी मशीन, बादाम, झींगा मछली और चॉकलेट के अमेरिका से आयात पर टैरिफ लगाने का फैसला तब किया, जब ट्रंप ने अमेरिका में आयात हो रहे भारतीय स्टील एवं ऐल्युमीनियम को ऊंची दरों के शुल्क से मुक्त करने से इनकार कर दिया। हालांकि, भारत सरकार इस फैसले को लागू करने से बचता रहा।
इसी क्रम में सरकार ने लागू करने की तिथि तीन बार टाल दी, लेकिन 2 नवंबर को सरकार इसे लागू करने पर विचार कर सकती है क्योंकि ड्यूटी पर ट्रंप प्रशासन की ओर से मिले ताजा झटके के बाद भारत की प्रतिक्रिया जरूरी हो गई है। अगर ऐसा हुआ तो भारत के खाते में 24 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त रकम आएगी।
निशाने पर भारत नहीं
90 प्रॉडक्ट्स से ड्यूटी-फ्री का तमगा हटाने का 1 नवंबर का फैसला किसी देश को लक्ष्य करके नहीं लिया गया था, बल्कि अमेरिका ने इस लिस्ट का निर्धारण वस्तुओं के आधार पर ही किया जिसकी जद में 50 भारतीय उत्पाद भी आ गए। अमेरिका ने इन उत्पादों को जनरलाइज्ड सिस्टम आॅफ प्रेफरेंस के प्रावधानों के तहत इन्हें ड्यूटी-फ्री लिस्ट में रखा था। गौरतलब है कि भारत अमेरिका की शुल्क-मुक्त निर्यात नीति का सबसे बड़ा लाभार्थी है। पिछले साल अमेरिका में आयात पर कुल 21.1 अरब डॉलर का शुल्क माफ किया गया था, जिनमें 5.6 अरब डॉलर का लाभ अकेले भारत को मिला था।
शुल्क पर संग्राम के बीच खुशखबरी
शुल्क पर छिड़े संग्राम के बीच अच्छी खबर यह है कि भारत को ईरान से तेल आयात पर अमेरिका से बहेद जरूरी छूट मिलने की पूरी संभावना है। ट्रंप प्रशासन भारत को ईरान से मार्च 2019 तक प्रति माह 12.5 लाख टन तेल आयात की छूट देने का आधिकारिक ऐलान कुछ दिनों में ही कर सकता है। ट्रंप ने ईरान से तेल आयात पर पाबंदी लागू करने की तिथि 4 नवंबर तय कर रखी है। अमेरिका नया परमाणु समझौता करने का ईरान पर दबाव बनाने के लिए तेहरान के तेल निर्यात को बाधित करना चाहता है।