व्यापमं घोटाला: भोपाल में स्थाई ठिकाना तलाश रही सीबीआई, 15 से 20 साल तक चलेगा केसों का ट्रायल

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भोपाल। प्रदेश में सरकारी नौकरी और मेडिकल में दाखिले में हुए बहुचर्चित व्यापमं घोटाले की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अभी तक न किसी मुकाम पर नहीं पहुंची और न ही घोटाले में किसी रसूखदार को पकड़ पाई है, लेकिन जांच एजेंसी ने भोपाल में स्थाई ठिकाने की तलाश शुरू कर दी है। इसके पीछे की वजह यह है कि मेडिकल और अन्य भर्ती घोटालों में अभी तक जितनी भी चार्जशीट दाखिल की गईं हैं, उनका ट्रायल सालों तक चलने वाला है। इसी आधार पर सीबीआई अफसर मु यालय के माध्यम से भोपाल में स्थाई ठिकाना चाह रहे हैं।
Vastram scam: CBI looking for a permanent place in Bhopal, case trial for 15 to 20 years
सीबीआई ने पीएमटी फजीर्वाड़ा, मप्र पुलिस भर्ती, स्टेनो टाइपिस्ट, वन आरक्षक, खाद्य अधिकारी एवं अन्य भर्तियों से जुड़ी जांच में अलग-अलग केस दर्ज किए हैं। पीएमटी एवं पुलिस भर्ती में सीबीआई ने एक-एक केस में 500 से ज्यादा आरोपी बनाए हैं। सबसे ज्यादा आरोपी मेडिकल में दाखिले का ेलेकर दर्ज केस में बनाए गए हैं। इनमें से ज्यादातर केस में कोर्ट में चालाने पेश कर दिए हैं। व्यापमं घोटाले की जांच से जुड़े सीबीआई के एसपी मनीष श्रुती ने बताया कि एक-एक केस में सैकड़ों की सं या में आरोपी हैं, चूंकि ऐसे केस कब खत्म होंगे यह तय नहीं होता है। ये लंबे समय तक चलने वाले केस हैं।

तब सीबीआई को भोपाल में लंबे समय तक रहना पड़ेगा। ऐसे में हमारा मानना है कि सीबीआई को भोपाल में स्थाई कार्यालय एवं आवास मिल जाए। या फिर सरकार मौजूदा कार्यालय एवं आवास को ही स्थाई रूप से सीबीआई को दे दे। इस संबंध में मु यालय को अवगत कराया जाएगा। वर्तमान में जो आवास है, वह सीबीआई को अस्थाई तौर पर राज्य सरकार की ओर से आवंटित है।

दिग्गजों को क्लीनचिट देती गई सीबीआई
सरकारी भर्तियों में फजीर्वाड़े को देखते हुए व्यापमं घोटाले को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया जाता रहा है। इस घोटाले की जांच करते हुए सीबीआई का 4 साल से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन अभी तक सीबीआई ने सरकार से जुड़े किसी भी रसूखदार को नहीं पकड़ा है। मप्र की एसटीएफ ने जिन्हें आरोपी बनाने की तैयारी की थी, उन्हें सीबीआई ने क्लीनचिट दे दी है।

परिवहन घोटाले की नहीं की जांच
सीबीआई ने अभी तक परिवहन आरक्षक भर्ती घोटाले की जांच नहीं की है। न ही अभी तक घोटाले से जुड़े दस्तावेजों का परीक्षण किया है। सीबीआई से जुड़े सूत्रों अनुसार परिवहन आयुक्त कार्यालय से भर्ती से जुडे दस्तावेज बुलाए थे, लेकिन समय पर नहीं मिले। वहीं परिवहन आयुक्त कार्यालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जो जानकारी चाही गई थी वह समय पर भेजी गई।

हां यह सही है कि ट्रायल लंबा चलेगा। जिन केसों में 500 से ज्यादा आरोपी हैं। उनकी ट्रायल 15-20 साल तक चल सकती है। अभी कार्यालय या निवास को लेकर मु यालय को कोई पत्र नहीं लिखा है। ऐसा अभी यहीं चल रहा है।
मनीष श्रुती, एसपी, सीबीआई