नई दिल्ली। आखिरकार आलोक वर्मा सीबीआइ के निदेशक नहीं रहे। भ्रष्टाचार के आरोप के बाद 77 दिन की जबरन छुट्टी पर भेजे गए वर्मा एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सीबीआइ में लौटे थे। लेकिन कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया था कि अंतिम फैसला चयन समिति ही करेगी। समिति ने निदेशक पद से हटाने का फैसला सुना दिया। समिति में सदस्य के तौर पर प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश के प्रतिनिधि के तौर पर आए जस्टिस सीकरी ने एकमत से हटाने का फैसला लिया। जबकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका विरोध किया। वर्मा को बाकी बचे 21 दिनों के कार्यकाल के लिए फायर सर्विस का महानिदेशक बनाया गया है।
Verma, who was the victim of Reaction as soon as it was in action, left the post of CBI Chief
वर्मा की अनुपस्थिति में सीबीआइ निदेशक का कार्यभार संभालने वाले एम. नागेश्वर राव नए निदेशक की नियुक्ति तक कार्यवाहक निदेशक के रूप में काम संभालेंगे। 23/24 अक्टूबर की रात जबरन छुट्टी पर भेजे जाने को आलोक वर्मा ने इसी आधार पर चुनौती दी थी कि उन्हें हटाने का अधिकार सिर्फ चयन समिति को है।सरकार अपने स्तर पर यह फैसला नहीं ले सकती।
जबकि सरकार का कहना था कि आलोक वर्मा को निदेशक पद से नहीं हटाया गया है, बल्कि भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के मद्देनजर सीवीसी की सिफारिश पर कार्यभार ले लिया गया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की दलील यह कहते हुए खारिज कर दी कि कार्यभार छीनने का फैसला भी सिर्फ चयन समिति ही कर सकती है।
वर्मा को सीबीआइ निदेशक पद पर बहाल करते हुए भी सुप्रीम कोर्ट ने नीतिगत फैसले लेने पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आलोक वर्मा ने बुधवार को ही सीबीआइ निदेशक का कार्यभार संभाल लिया था और एम. नागेश्वर राव के फैसले को बदलते हुए विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच कर रहे अधिकारियों को वापस मुख्यालय बुला लिया था।
दूसरी ओर, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में चयन समिति की बैठक बुलाकर आलोक वर्मा को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। बुधवार देर शाम हुई चयन समिति की पहली बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया था। लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता के रूप में चयन समिति में शामिल मल्लिकार्जुन खड़गे ने न सिर्फ आलोक वर्मा को सीबीआइ निदेशक की पूरी शक्तियां देने की मांग की बल्कि यह भी कहा कि छुट्टी पर भेजे जाने से बर्बाद हुए 77 दिन का वर्मा का कार्यकाल बढ़ाया जाए।