- Villagers of Sehoreग्रामीण जनप्रतिनिधि, प्रशासन से कर चुके सड़क बनवाने की मांग
Naresh Mewada
सीहोर। आजादी के बाद भी सीएम शिवराज सिंह के गृह जिले के ग्राम दुपाड़िया दांगी और उसकी काकड़ कॉलोनी में पक्की सड़क नहीं बनाई गई है। पानी निकासी की सुविधा तो दूर बरसात के दिनों में ग्रामीणों का मुख्य रोड तक पहुंचने तक का रास्ता बंद हो जाता है। ग्रामीण गांव में रहते हुए भी बदहाली का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। मगर अभी तक गांव में शासन व प्रशासन द्वारा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। सुविधाएं नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों में प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस संबंध में लोग जनसुनवाई से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या को लेकर अभी तक सुनवाई नहीं की गई है। ज्ञात हो कि सरकार ने मनरेगा के माध्यम से गांवों का विकास करने के लिए पंचायतों में राशि पहुंचाई है लेकिन सरपंच द्वारा फिर भी विकास नहीं करवाया जा रहा है।
दलदल में से निकलने को मजबूर हैं ग्रामीण
सीहोर जिले की श्यामपुर तहसील के सेमरादांगी पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम दुपाड़िया दांगी के ग्रामीणों ने गांव की दुर्दशा सुधारने के साथ ही पक्की सड़कें की व्यवस्था कराई जाने की मांग विधायक, कलेक्टर और सरपंच से कर चुके हैं, लेकिन लोग आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं। गांव के लिए न हीं पक्की रोड बनाई गई ग्रामीण प्रशासन की सेवाओं से वंचित रहकर दलदल में से निकलने को मजबूर हैं। बदहाली में जीवन व्यतीत कर रहे दुपाड़िया दांगी की काकड़ कॉलोनी के लोग कई बार शासन व प्रशासन के अधिकारियों के पास समस्या को लेकर पहुंचे हैं, लेकिन विकास के नाम पर गांव शासन के नक्शे में कोसों दूर है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के वक्त राजनैतिक लोग वादा करके चले जाते हैं, गांव के सरपंच ने भी चुनाव होने से पहले लोगों को भरोसा दिलाया था कि हम गांव में विकास लाएंगे लेकिन कुछ नहीं हुआ।
बारिश में घरों में कैद
ग्राम दुपाड़िया दांगी के काकड़ कॉलोनी निवासी कमलेश मेवाड़ा ने बताया कि बारिश में कच्चे रास्ते पर कीचड़ घुटने-घुटने तक हो जाता है, हमारे यहां से डेरी तीन किलोमीटर दूर है, डेरी पर दूध ले जाने के लिए घुटनों तक कीचड़ में से बड़ी मुश्किल से जाते हैं वाहनों के न निकलने से ग्रामीण हाथ में जूता, चप्पल लेकर पैदल आते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के बाद से आज तक यहां रोड नहीं बन पाई है।
जनसुनवाई में की शिकायत
मैंने जनसुनवाई मेंं दो साल पहले कलेक्टोरेट जाकर कलेक्टर को ग्राम दुपाड़िया दांगी की काकड़ कॉलोनी में पक्की सड़क या रास्ते पर पत्थर पटकाने के लिए आवेदन दिया था। जनसुनवाई में मुझे भरोसा दिलवाया था कि हम आपकी समस्या का समाधान करेंगे, लेकिन दो साल होने के बाद भी हमें कीचड़ में निकलकर जाना पड़ता है।
(नरेश मेवाड़ा, ग्रामीण)
सरपंच भी नहीं दे रहे ध्यान
हम कई बार सरपंच से दुपाड़िया दांगी की कॉकड़ कॉलोनी पर पत्थर डलवाने के लिए कह चुके हैं, लेकिन सरपंच भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं न ही सरपंच कभी इस कॉलोनी में आते हैं, हमारे बच्चे बारिश में स्कूल नहीं जा पाते हैं।
(रघुवीर मीना, काकड़ कॉलोनी निवासी)
खटिया पर ले जाते मरीज को
सड़क नहीं होने से हमें बारिश में बहुत परेशानी होती है यदि कोई बीमार हो जाता है तो हमें खटिया पर मरीज को सड़क तक ले जाना पड़ता है। रोड नहीं होने से कई लोग समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते जिससे उनकी रास्ते में ही मौत हो जाती है।
(महेश मेवाड़ा, कॉकड़ कॉलोनी निवासी)