नई दिल्ली
Coronavirus के कारण IPL 2020 पर संकट गहरा गया है। ताजा संकट विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता को लेकर हो गया है। दरअसल, Coronavirus के कारण भारत सरकार ने 15 अप्रैल तक सभी वीजा रद्द कर दिए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर IPL 2020 के लिए विदेशी खिलाड़ी भारत कैसे आ पाएंगे? बता दें, IPL 2020 की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और 29 मार्च से इसकी शुरुआत भी होना है।
कोरोना वायरस का खतरा बढ़ने के बीच आशंका जताई जा रही है कि क्या यह आयोजन सही समय पर शुरू हो पाएगा या रद्द हो जाएगा? बहरहाल, इसका फैसला 14 मार्च को हो जाएगा। उस दिन आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक होना है, जिसका सबसे बड़ा मुद्दा आईपीएल मैचों पर Coronavirus का असर है। इससे पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे कह चुके हैं कि देश भर में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए IPL 2020 का आयोजन बाद में किया जाना चाहिए। वहीं बीसीसीआई सूत्रों के हवाले से अब तक कहा गया कि तारीखें नहीं बदलेगी।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री का पूरा बयान
राजेश टोपे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के नेता हैं और महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने उन्हें हेल्थ मिनिस्टर बनाया है। टोपे का कहना है कि जब बड़ी संख्या में लोग एक जगह जमा होते हैं तो संक्रामक बीमारियों के तेजी से फैलने की आशंका रहती है। IPL 2020 को स्थगित करने के संबंध में आधिकारिक तौर पर बातचीत चल रही है और जल्द ही इस बारे में कोई घोषणा की जाएगी। महाराष्ट्र के मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब IPL 2020 के शुरू होने में एक महीने से भी कम समय रह गया है।
तारीख आगे-पीछे नहीं होगी, हालात बिगड़े तो रद्द ही होगा
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद बीसीसीआई सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि आईपीएल की तारीखों में बदलाव संभव नहीं है, क्योंकि क्रिकेट के इंटरनेशनल कैलेंडर को देखते हुए यह शेड्यूल बनाया गया है। बीसीसीआई के हवाले से कहा जा रहा है कि आईपीएल को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, यदि 29 मार्च तक हालात बिगड़े तो फिर इस आयोजन को रद्द ही कर दिया जाएगा।
मैच हों, पर दर्शक ना रहें?
कोरोना वारयस के फैलने की आशंका के मद्देनजर बीसीसीआई के सामने यह प्रस्ताव भी रखा गया था कि मैच हों, लेकिन दर्शकों को न बुलाया जाए। यानी सभी दर्शक टीवी पर ही आईपीएल देखें। हालांकि बीसीसीआई ने इसे भी इन्कार कर दिया है। अब बीसीसीआई के पदाधिकारी 29 मार्च तक हालात पर नजर रखेंगे। यदि कोरोना का खतरा बढ़ा तो इसे रद्द कर दिया जाएगा।