नई दिल्ली। वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदा होने से पहले ही विवादों में घिरता दिखाई दे रहा है। स्वदेशी जागरण मंच ने इस सौदे को विदेशी निवेश की नीति का उल्लंघन बताया और कहा कि मंच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाएगा।
Wal-Mart-Flipkart deal begins before it starts
अमेरिका की रिटेल कंपनी वालमार्ट ने भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को खरीदने का प्रस्ताव रखा है। दोनों कंपनियों की बातचीत अंतिम चरण में हैं और अगले सप्ताह इस सौदे का एलान होने की संभावना है। बहुत संभव है कि दोनों कंपनियां नौ मई को संयुक्त रूप से इसकी घोषणा करें। लेकिन घोषणा से पहले ही स्वदेशी जागरण मंच ने इस सौदे पर विरोध जता दिया है।
मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा है कि सरकार की नीति के मुताबिक ई-कॉमर्स में विदेशी निवेश की अनुमति नहीं है। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि ये कंपनियां न केवल छोटे दुकानदारों को नुकसान पहुंचा रही हैं बल्कि ग्राहकों को भारी छूट देकर भारतीय ई-कॉमर्स कंपनियों का बाजार भी छीन रही हैं।
महाजन ने कहा कि यही वजह है कि वे अमेजन जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के भी विरोध में हैं। स्वदेशी जागरण मंच के साथ भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) भी इस सौदे को लेकर खुश नहीं है। बीएमएस के महासचिव बृजेश उपाध्याय ने कहा कि वालमार्ट का फ्लिपकार्ट को खरीदना मल्टीब्रांड रिटेल में पिछले दरवाजे से घुसने के समान है। देश के खुदरा बाजार पर इसके दूरगामी परिणाम होंगे।