विद्युत संविदा कर्मचारी के हित में निर्णय नहीं करने पर सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी

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TIO पुणे


अखिल भारतीय विद्युत संविदा मजदूर महासंघ( भारतीय मजदूर संघ) की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश वशिष्ठ की अध्यक्षता में वाराणसी में संपन्न हुई इस बैठक में ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न राज्यों के पदाधिकारी उपस्थित रहे बैठक में संविदा कर्मचारीयों की दयनीय स्थिति पर चिंतन किया गया जिसमें वेतनमान , पीएफ, ई एस आई ,बोनस, महंगाई भत्ता ,ग्रेच्यूटी, छंटनी नोटिस ,जैसे कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई जिसमें यहां सभी राज्यों से आए पदाधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्र की ज्वलत समस्याओं पर प्रकाश डाला और अन्य पदाधिकारी के सामने समस्या रखी। सभी प्रदेशों में कार्य करने की स्थिति के अनुसार संविदा कर्मचारियों को 10 से 12 घंटे काम करने पर भी कहीं पर रू 8000 तो कहीं राज्यों में रू 6000 और कहीं राज्यों में रू 16000 तक का वेतन भुगतान किया जाता है , ईस लिए बिजली उद्योग महत्वपूर्ण उद्योग होने के कारण संविदा मजदूर को किमान वेतन प्रति माहे रू 18000 होने चाहिए इसी मांग संघटन ने किया है ।

बिचोलिए के दबाव के कारण ठेका कर्मचारी हमेशा शोषित रहता है। कई स्थानों पर ऐसे ध्यान में आया है कि पीएफ में हेरा फेरी की जाती है ठेकेदार 30 दिन कार्य करवाते हैं और 10 से 12 दिन का पी एफ जमा करते हैं तो कही खा जाते हैं उधर कहीं पर कर्मचारियों को अपनी ईएसआई का लाभ लेने के लिए 50 से 100 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है उसके लिए सरकार से मांग करने की चर्चा की और इसमें संशोधन किया जाए जिसमें जहां ठेका श्रमिकों को ई एस आई लाभ नहीं दिया जाता है या जो क्षैत्र ई एस आई के दायरे से बाहर है उनको मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए जिससे संविदा ठेका आउटसोर्स कर्मचारियों को उनके क्षेत्र में ही उचित चिकित्सा सुविधा का लाभ ले सकते हैं । स्थाई प्रवृत्ति जो कार्य है वहां पर कांटेक्ट लेबर कार्य करती है जिसको लेकर बैठक में यह निर्णय लिया गया कि स्थाई प्रवृत्ति का कार्य करने वाले सभी ठेका कर्मचारियों को स्थाई किया जाए या उनको समान कार्य समान वेतन प्रदान किया जाए जिसमें विभागीय कर्मचारियों को जो लाभ दिए जाते हैं वह लाभ ठेका कर्मचारी को भी प्रदान किया जाए।

बोनस एक्ट के तहत बोनस भुगतान करने का कानून है जिसका कोई भी कंपनी ठेकेदार पालन नहीं करते हैं और ठेका कर्मचारियों को कंपनी ठेकेदार बोनस भुगतान नहीं करते हैं जिसको लेकर भी अखिल भारतीय बैठक में एक बड़ा आंदोलन करने का निर्णय लिया है ऐसा ऐलान अखिल भारतीय ठेका मजदूर महासंघ के महामंत्री सचिन मेंगाळे ने किया है ।

देश में ठेका कर्मचारियों के लिए जॉब की कोई सुरक्षा नहीं है जिसको ठेकेदार अपना हत्यार बनाकर उनका शोषण करते हैं कर्मचारी अपनी नौकरी जाने के डर से किसी भी प्रकार के शोषण का विरोध नहीं कर सकता उसके लिए बैठक में ठेका कर्मचारियों को जॉब सुरक्षा की गारंटी प्रदान करे उसके लिए भी चर्चा की गई। इन सभी समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय विद्युत संविदा मजदूर महासंघ संबंध भारतीय मजदूर संघ की बैठक में सभी पदाधिकारियों ने मिलकर चर्चा की गई। आने वाले समय में अखिल भारतीय विद्युत संविदा मजदूर महासंघ प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार को अपना एक मांग पत्र तैयार कर दिया जाएगा जिसमें यदि भी किसी प्रकार की सरकार से कोई सहमति नहीं बनती है तो आने वाले समय में देश के अंदर विद्युत का एक बहुत बड़ा आंदोलन होगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की होगी ऐसा दिनेश वशिष्ठ अखिल भारतीय विद्युत संविदा मजदूर महासंघ (भारतीय मजदूर संघ ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा। ईस बैठक समापन मा श्री वीरेंद्रकुमार जी ने किया, ईस संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करे असां आवाहन किया है । वाराणसी बैठक का आयोजन पूर्वांचल विद्युत संविदा मजदूर महासंघ के द्वारा करवाया गया।
बैठक में बिजली के उत्पादन प्रसारण वितरण सहित थर्मल पावर प्लांट, परमाणु बिजली घर आदि में जो यूनियन कार्यरत है उनके पदाधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में निम्नलिखित उपस्थित अखिल भारतीय संविदा मजदूर संघ के पदाधिकारी , दिनेश वशिष्ठ हरियाणा , महामंत्री सचिन मेंगाळे(महाराष्ट्र) उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री दिनेश कुमार,जी राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री सागर पंवार (महाराष्ट्र) (राजस्थान ) के मंत्री कालूराम गर्ग, (हरियाणा ) से श्री संदिप शैरावत (तमिलनाडु ) से श्री विग्नेशरम एवं श्री जी.रिजेश एवं पूर्वांचल विद्युत संविदा मजदूर संघ के पदाधिकारी गण राजेश कुमार, दिनेश कुमार, विरेन्द्र आदि मौजूद थे।