चंबल में धीरे-धीरे घट रहा पानी, लेकिन सियासी उफान जारी

0
482

मुरैना/भिंड /श्योपुर

कोटा बैराज से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा में बेहद कमी कर दी गई है। इसका असर दिखने लगा है। श्योपुर, मुरैना और भिंड में हालात कुछ हद तक नियंत्रण में है। गांवों में भी पानी कम जरूर हुआ है, लेकिन पूरी तरह से निकला नहीं है। इस बीच भिंड में एक वृद्धा की इलाज न मिलने के कारण मौत हो गई।

कोटा बैराज से मंगलवार को जहां 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, वहीं बुधवार को मात्र 25 हजार क्यूसेक पानी ही छोड़ा जा रहा है। इधर, इस पूरे मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। ग्वालियर अंचल के जिलों के दौरे पर पहुंचे पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जहां प्रदेश सरकार को घेरा, वहीं प्रदेश के सामान्य प्रशासन मंत्री ने पूर्व सीएम पर ही आरोप लगा दिए।

बुधवार को मुरैना में चंबल का जलस्तर राजघाट पुल के बराबर यानी 142.50 मीटर पर था। इसके बावजूद पिछले तीन से चार दिन में छोड़े गए पानी की वजह से चंबल में अभी उफान बरकरार है। इस बीच प्रशासन ने अंबाह क्षेत्र के सात गांवों से ग्रामीणों को निकाला। भिंड में बाढ़ग्रस्त 42 गांवों को भी कुछ राहत मिली। चंबल नदी का जलस्तर 128. 53 से घटकर 128.49 मी. पर आ गया। अटेर के मुकुतपुरा गांव में बुधवार सुबह 71 वर्षीय रामकली पत्नी शोभाराम की मौत हो गई।

और… इधर बाढ़ पर सियासत शुरू

श्योपुर में पूर्व सीएम श्री चौहान ने कमलनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि गांधी सागर को उसकी क्षमता (1312 फीट) से ज्यादा (1320 फीट) भर दिया। बांध ओवरफ्लो हुआ तो सारे गेट एक दम खोलकर पानी निकाल दिया। इससे चंबल नदी में उफान आया और किसानों की फसल व घर चौपट कर दिए। उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की। उन्होंने इस आपदा के समय भी मुख्यमंत्री के न आने पर भी तंज किया।

दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आरोपों का जवाब सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने प्रेसवार्ता कर दिया। उन्होंने कहा कि शिवराज ने मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने और गुजरात को फायदा पहुंचाने के लिए सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ा दी थी। इससे इस बार मध्य प्रदेश में बाढ़ के हालात बने।

इससे पहले मुरैना में अफसरों और विधायकों ने हेलिकॉप्टर से बाढ़ग्रस्त क्षेत्र की स्थिति को देखा। दल को 6 गांवों की स्थिति ज्यादा गंभीर मिली थी। बीहड़ भी पूरी तरह से डूब गए हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी बाढ़ग्रस्त इलाकों में पहुंचे थे। वहीं, भिंड में 200 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया था। श्योपुर में भी 30 से ज्यादा लोगों को निकाला गया।

भिंड : 200 लोगों को सुरक्षित निकाला

मंगलवार को अटेर का चौम्हो, कछपुरा गांव बाढ़ से घिर गया। कलेक्टर छोटे सिंह और एसपी रूडोल्फ अल्वारेस ने मुआयना कर इन गांवों में सेना और एनडीआरएफ की टीम से रेस्क्यू कर 200 लोगों को सुरक्षित बाहर निकलवाया। बाढ़ का कहर कम होने के बजाए और बढ़ता जा रहा है। चंबल में आए उफान से अब सिंध नदी उफन रही है। सिंध में उफान से मंगलवार को लहार विधानसभा के 9 गांव और भिंड विधानसभा के 6 गांवों में बाढ़ के हालात बन गए। भिंड के टेहनगुर गांव में 2 मकान धाराशायी हो गए। यहां कई लोगों के मकान डूब में आ गए है

मुरैना : युवक की डूबने से मौत, 0.90 मीटर कम हुआ जलस्तर

हवाई सर्वेक्षण के दौरान अंबाह क्षेत्र के मलबसई, किसरोली, बीलपुर, कक्ष पुरा, आरोली, बीच का पुरा, घेर गांव में अधिक स्थिति खराब मिली। इन गांवों में लोग ऊंचाई पर शरण लिए हुए हैं। इधर अंबाह के चुसलई गांव में स्थिति खराब होने पर मौके पर केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर व कलेक्टर प्रियंका दास मय बचाव दल के पहुंची और लोगों को गांव से बाहर निकलवाया। हालांकि चंबल में सोमवार रात से करीब 0.90 मीटर पानी कम हुआ है, लेकिन अभी भी राजघाटपुल से करीब दो मीटर ऊपर यानी 144.10 मीटर पर पानी बह रहा था।

बाढ़ पीड़ितों से मिले तोमर

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मंगलवार को मुरैना पहुंचे और उन्होंने चंबल नदी में आई बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनका ढ़ांढ़स बंधाया। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए पत्र लिखा। तोमर ने कहा- उनके संसदीय क्षेत्र मुरैना श्योपुर में आधा सैकड़ा से अधिक गांवों के लोग राजस्थान से छोड़े जा रहे पानी के कारण बाढ़ से घिरे हैं।

श्योपुर : खतरे के निशान से 4 फीट नीचे आई चंबल

चंबल नदी खतरे के निशान से 4 फीट नीचे आ गई। 54 घंटे बाद श्योपुर पाली हाइवे पर ट्रैफिक शुरू हुआ, लेकिन पार्वती नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है और 9वें दिन भी खातौली पुल पानी में 14 फीट तक डूबा हुआ है। वीरपुर का डिमरछा और सांथर गांव चंबल और पार्वती नदी से घिरा हुआ है। 3 दिन से इन गांवों में 1500 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। मंगलवार दोपहर से रेस्क्यू शुरू हुआ है और अब तक 30 से ज्यादा लोगों को बाहर निकाल लिया है।