मुंबई से शशी कुमार केसवानी
शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर और श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर की फिल्म धड़क आज सिनेमाघरों पर रिलीज हो गई। सभी की नजर जाह्नवी और ईशान पर टिकी है। फैंस जाह्नवी को बड़ी स्क्रीन पर देखने के लिए काफी बेताब नजर आ रहे हैं। फिल्म की फर्स्ट डे ओपनिंग पर भी फैंस और ट्रेड एक्सपर्ट टकटकी लगाए बैठे हैं। लेकिन फिल्म की कहानी दमदार नहीं है। आॅनर किलिंग की वही पुरानी कहानी को नए कलाकारों के साथ पेश किया गया है। वहीं, न्यूकमर होने के कारण जाह्नवी और ईशान अपने एक्टिंग से कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए हैं।
Weak story more than expected beats, hope does not come true
फिल्म की कहानी राजस्थान के उदयपुर से शुरू होती है। जहां आशुतोष राणा एक हवेली होटल के मालिक हैं और जाह्नवी उनकी लाडली बेटी दिखाई गई है। फिल्म मराठी फिल्म सैराट का रीमेक है और इसलिए आर्ची की तरह धड़क में जाह्नवी को थोड़ा बोल्ड लुक देने की कोशिश की गई है। बाइक चलाना, लड़कियां के गैंग के साथ चलना, लड़कों पर हुकुम चलाना आदि, लेकिन जाह्नवी पर ये अंदाज कुछ सूट नहीं किया। वहीं ईशान के पिता एक छोटे से रेस्तरां के मालिक हैं और ईशान पढ़ाई के साथ-साथ उसी में उ?की मदद करता है। बाहर से आने वाले ट्यूरिस्ट को उदयपुर की सैर करता है। फिल्म का फर्स्ट हॉफ काफी स्लो है। शुरूआत के डेढ़ घंटे ईशान जाह्नवी को इंप्रेस करने में ही निकाल देता है।
फिल्म का सेकेंड हॉफ एक कहानी के साथ खड़ा होता है। ईशान और जाह्नवी के संघर्ष को दिखाता है और वहीं आज भी गावों में चली आ रही आॅनर किलिंग की कहानी को बयां करता है। फिल्म का अंत एक चुप्पी के साथ होता है। म्यूजिक अच्छा है। फिल्म का सेट और लोकेशन कमजोर है। डायरेक्शन भी कमजोर है। फिल्म में सेट और लोकेशन को अच्छे से इस्तेमाल किया जा सकता था, पर कर नहीं पाएं। जाह्नवी के कॉस्ट्यूम और ड्रेसिंग सेंस अच्छा है जाह्नवी फिल्म में बहुत ही खबूसूरत लग रही हैं। इस मामले में जाह्नवी ने श्रीदेवी को पूरी तरह से टक्कर दी है। पर समय लगेगा श्रीदेवी बनने मे।