अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया…

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राघवेंद्र सिंह

कोरोना का दूसरा दौर और फिर इसकी तीसरी सुनामी का डर सबको मनोरोगी बना रहा है। ऐसे में चुनावो के नतीजों में सियासत के पेंचोखम इस लगाए हटाए जा रहे हैं मानों कोरोना की सुनामी में इनको छोड़ सारे विरोधी फना हो जाएंगे। लोग जीत से ज्यादा हार के चर्चे करने में जुटे हैं। संसार में शिवतांडव चल रहा है।  कुछ ढीठ. लुच्चे और टुच्चे किस्म के अमर हो कर आए लोग देशकाल परिस्तिथयों की अनदेखी कर छिद्रानुवेषण में लगे पड़े हैं। मानवता जार जार हो रही है। परिजनों के सामने आक्सीजन के बिना तड़पते हुए लोग जान गंवा रहे हैं। जब पैसे धेले मिट्टी हो रहे हैं। कुछ काम नही आ रहा है।  तब कमाने के लिए वेक्सीन की कमी,दवाओं की कालाबाजारी कमीशन, रिश्वतबाजी पाप बेख़ौफ़ करने वालों के लिए कोरोना से बड़ी कोई सुनामी प्रकृति तय करती दिखाई देती है। बात थोड़ी बहुत प्रवचन टाइप की है लेकिन हालात बहुत बदत्तर हो गए हैं। शोक जताने के लिए शब्द कम पड़ने लगे है और रोने के लिए आंखों में आंसू भी सूख गए हैं। ऐसे मशहूर शायर बशीर बद्र का शेर याद आ रहा है- अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गयाजिस को गले लगाया वो दूर हो गयामहलों में हमने कितने सितारे सजा दिएलेकिन जमीं से चांद बहुत दूर हो गया…कोरोना के जानलेवा दौर में तमाम अव्यवस्था और के बीच कुछ मुख्यमंत्रियों में से एक शख्स हो जो अकेला ही किला लड़ा रहा है। आलोचनाओं के बीच उनकी दिनरात की मेहनत और लोगों की जान बचाने की चिंता, बद्दुआओं का भय उन्हें रात में सोने भी नही देता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हर संकट को हल करने की कोशिश, चेहरे पर किसी को नही बचा पाने की लाचारी, मायूसी साफ देखी और महसूस की जाती है। शायद उन्हें बचपन से लेकर आज तक पढ़ी जाने वाली रामचरित मानस की वह चौपाई भी खूब याद आती होगी -जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी, सो नृपु अवसि नरक अधिकारी।। शिवराज जी देहात की मिट्टी से संस्कारित राजनेता हैं सो उन्हें यह सब बातें निश्चित बहुत सालती हैं। वे जिस गति से काम करते हैं उनकी टीम चाहे राजनीति की हो या प्रशासनिक उनसे पिछड़ जाती है। 
बॉक्सये कोरोना से युद्ध है…मुख्यमंत्री निवास सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर रात दो और तीन बजे तक शिवराज सिंह फीड बेक लेने के साथ लोगों की जान बचाने के निर्देश देने में लगे हैं। ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री पीयूष गोयल आधी रात में जब जरूरत पड़ रही है बात कर रहे हैं। सेना के हवाई जहाज, रेल के जरिए आँक्सीजन व दवा और वेक्सीन इंतजाम में लगे हैं। थोड़े थके और मौतों की खबर से विचलित दिखने वाले शिवराज कहते हैं यह यह एक जंग है कोरोना से। इसे हर हाल में जितना है। उनका कहना है यह युध्द सबके सहयोग से ही जीता जा सकता है। सरकार के साथ जब समाज मदद में लग जाएगा तब मरने की नही जान बचाने की खबरें ज्यादा आएंगी। कोरोना कि तीसरी लहर के पहले मध्यप्रदेश में हालात काफी सुधर जाएंगे। अभी तो लग रहा है ये लड़ाई है दीये और कोरोना के तूफान की।  सबने मिलकर पूरी ईमानदारी से काम नही किया तो सब खतरे में आ जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान आत्मविश्वास के साथ कहते हैं हम अवश्य जीतेंगे। बॉक्सपत्रकारों के लिए भी…मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनर्लिस्ट क्लब के प्रतिनधियों से मुलाकात में कहा कि सरकार कोरोना के शिकार पत्रकारों के परिवार को तत्काल पांच लाख रु की मदद करेगी। उन्होंने पत्रकारों को कोरोना वॉरियर मानने के मुद्दे पर भी विचार कर निर्णय लेने की बात की। बॉक्सदमोह चुनाव के सबक भाजपा  दमोह विधानसभा का उप चुनाव हार गई। ऐसा कम होता है कि भाजपा चुनाव कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में राहुल लोधी के कारण हुआ था। यहां भाजपा नेताओं ने भितरघात की उसे भाजपा संगठन व सरकार के लोग रोक नही सके। कांग्रेस के अजय टण्डन चुनाव जीते। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में दलबदलुओं को वोटर खारिज कर सकता है। यह ट्रेंड शुरू हो गया तो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है।