फेसबुक के सहारे जियो का क्या है गेम प्लान? गांवों का होगा कायापलट

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नई दिल्ली

रिलायंस के Jio Martऔर दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट Facebook के बीच हुए आज के करार से गांवों की कायापलट होने जा रही है। अब छोटे कस्बाई इलाकों और गांवों तक रिलायंस मार्ट से सीधे सामान जाएगा क्योंकि ये गांवों के दुकानदार अब जियो मार्ट के डिलिवरी पॉइंट के रूप में काम करेंगे। रही बात ऑर्डर की तो उसकी कोई कमी नहीं होगी क्योंकि इस समय देश में वॉट्सऐप यूज करने वाले रिलायंस की पूंजी बनेंगे। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को भरपूर साथ तो मिलेगा ही, सरकार की कर वसूली भी बढ़ने वाली है।

डिजिटल इंडिया को मिलेगा बिग पुश
रिलायंस ने हालांकि अभी तक इस गठजोड़ के पूरे बिजनस मॉडल का खुलासा नहीं किया है, लेकिन रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इससे न सिर्फ गांवों का कायापलट होगा बल्कि पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया को भी बिग पुश मिलेगा। दरअसल, अभी तक छोटे दुकानदार पूरी तरह से डिजिटल नहीं हो पाए थे। लेकिन रिलायंस की इस पहल से वे पूरी तरह डिजिटल हो जाएंगे।

घर-घर पहुंचेगा रिलायंस मार्ट का सामान
अधिकारी का कहना है कि जब तीन करोड़ छोटे दुकानदारों को इस नेटवर्क में शामिल किया जाएगा तो रिलायंस मार्ट का सामान गांव-गांव तक आसानी से पहुंचेगा। ये दुकानें उनके लिए डिलिवरी प्वाइंट का काम करेगा। इसके तहत होगा यह कि कोई व्यक्ति वॉट्सऐप पर ऑर्डर देगा तो उसका जहां घर है, उसके पास के दुकानदार के पास तुरंत संदेश पहुंचेगा। बस तुरंत उसके घर सामान पहुंचाने की व्यवस्था हो जाएगी। हां, इस चक्कर में पहले से स्थापित ई-कामर्स कंपनियों की बैंड बजना तय है।

रिलायंस के इस प्रयास से देश का इनफॉर्मल बाजार पूरी तरह से फॉर्मल हो जाएगा। रिलांयस का कहना है कि जब लोगों का ऑर्डर डिजिटल तरीके से लिया जाएगा तो भुगतान भी डिजिटल तरीके से होगा। सरकार के तमाम प्रयासों से अभी तक अर्थव्यवस्था का यह हिस्सा डिजिटल नहीं हो पाया था। जब एक बार यह हिस्सा भी डिजिटल हो जाएगा तो सरकार की कर वसूली तो अपने आप बढ़ जाएगी।

छोटे दुकानदारों की बदलेगी माली हालत

अभी गांवों में छोटे दुकानदारों को आधुनिक सप्लाई चेन का लाभ नहीं मिलता है। अभी भी वे दुकानदार झोला और बोरा लेकर हर रोज या एक दिन छोड़ एक दिन अपने पास के शहर से जाकर सामान लाते हैं। इसमें उनका समय तो बर्बाद होता ही है, लागत भी ज्यादा बैठती है। अब ये दुकानदार रिलायंस के सप्लाई चेन से जुड जाएंगे और उन्हें सामान लेने के लिए कहीं दौड़ लगाने की जरूरत नहीं होगी।

किसानों को भी होगा फायदा
रिलायंस के अधिकारी का कहना है कि फल, सब्जी एवं कुछ एग्री कमोडिटी के लिए रिलायंस सीधे किसानों से हाथ मिलाता है। इससे बिचौलियों पर लगाम लगती है और क्वालिटी अपने हाथ में रहती है। जब नए इलाकों में रिलांयस मार्ट का प्रवेश होगा तो वहां के किसानों से भी समझौता होगा। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।