पटना
बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा और जदयू के नेताओं के बीच बयानबाजी जारी है। इस बीच, बुधवार को उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एक ट्वीट में लिखा कि नीतीश ही बिहार एनडीए के कैप्टन हैं। उन्होंने लिखा कि नीतीश ही 2020 में होने वाले चुनाव का चेहरा होंगे। जब कैप्टन चौके-छक्के मार रहा है तो फिर किसी बदलाव की जरूरत नहीं है।
हालांकि, ट्वीट करने के 10 मिनट बाद सुशील मोदी ने अपनी पोस्ट को डिलीट कर दिया था। लेकिन बाद में जब मामला चर्चा में आया तो एक घंटे बाद पोस्ट को रीट्वीट कर दिया। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मैंने ट्वीट डिलीट नहीं किया था। गलती से वह होमपेज से हट गया था।
जो उनके मन में था, उन्होंने लिख दिया: राजद
सुशील मोदी द्वारा ट्वीट डिलीट करने पर राजद ने कहा- उनके मन में जो था उन्होंने लिख दिया। लेकिन, जब भाजपा नेतृत्व का चाबुक सुशील मोदी पर पड़ी तब उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। दरअसल, दोनों सहयोगी दलों के बीच जुबानी जंग तब शुरू हुई, जब भाजपा विधान पार्षद संजय पासवान ने कहा था कि नीतीश को केंद्र की राजनीति करनी चाहिए।
पासवान ने कहा था- बिहार में मोदी मॉडल ही चल सकता है
राजद ने सुशील मोदी के ट्वीट पर कहा- शीर्ष नेतृत्व के आदेश की वजह से सुशील मोदी को बैकफुट पर जाना पड़ा। सच्चाई तो यह है कि भाजपा के कई नेता अब नीतीश कुमार को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं।
इससे पहले संजय पासवान ने कहा था- नीतीश जी, बिहार को भाजपा के लिए छोड़ दें। वह 15 वर्षों तक बिहार में शासन कर चुके हैं, अब केंद्र की राजनीति करें। अब यहां नरेंद्र मोदी मॉडल ही चल सकता है। सूबे का वास्तविक विकास भाजपा शासन में ही होगा।
जदयू का जवाब- जनादेश से सीएम बने हैं नीतीश
संजय पासवान के बयान पर जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि हमारे नेता नीतीश किसी के रहमोकरम पर मुख्यमंत्री नहीं बने हैं। वह जनादेश से सीएम बने हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नेता चर्चा में बने रहने के लिए तरह-तरह के बयान देते हैं। ऐसे बयानवीर नेताओं को बड़बोले बयान देने से बचना चाहिए। जदयू के किसी नेता ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ नहीं बोला। ऐसे बयान एनडीए की चुनावी योजना को कमजोर करते हैं।