वाराणसी। यूपी के वाराणसी में दर्शक धनेसरा तालाब के पास ऐतिहासिक लाट भैरो रामलीला देखने जमा हुए थे। यहां शनिवार रात राम-केवट संवाद का मंचन होना था, लेकिन वहां का दृश्य देखकर दर्शक हैरान रह गए। दरअसल इंतजार हो रहा था राम-लक्ष्मण के स्टेज में संवाद बोलने का, लेकिन वे तो पूरे कॉस्ट्यूम में रामलीला कमिटी के दूसरे सदस्यों के साथ धरना दे रहे थे।
When Ram-Lakshman sat on holding Ramlila after seeing the dirt around the pond
सभी कलाकार तालाब के आसपास गंदगी के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। उनका कहना था कि इससे वे बीमार हो रहे हैं। आयोजकों का दावा है कि लाट भैरो रामलीला 16वीं शताब्दी के मध्य से होती आ रही है। वैसे तो अदमपुरा इलाके में स्थित लाट भैरो मंदिर में ही रामलीला के अधिकतर दृश्यों का मंचन होता है, लेकिन इसे रियल टच देने के लिए राम-केवट संवाद का मंचन तालाब में ही होता है। जब केवट राम, लक्ष्मण और सीता को गंगा पार कराते हैं।
‘राम-लक्ष्मण’ को होने लगीं उल्टियां
शनिवार शाम को जब रामलीला की टीम धनेसरा पहुंची तो देखा कि तालाब कूड़े से पटा हुआ है। साथ ही बदबू इतनी ज्यादा थी कि राम-लक्ष्मण बने कलाकारों को उल्टियां शुरू हो गई। इससे गुस्साए कलाकार धरने पर बैठ गए। हालांकि काफी सिफारिश करने पर 2 घंटे बाद ही धरना वापस ले लिया गया और रामलीला शुरू हुई।
सफाई का दिया गया आश्वासन
कलाकारों के धरने के चलते कमिटी के अध्यक्ष राम अवतार पांडे को शनिवार को घटनास्थल पर आना पड़ा। इसके बाद उन्होंने नगरपालिका आयुक्त से संपर्क किया। एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह और अतिरिक्त नगरपालिका आयुक्त एके सिंह ने भी साइट पर कलाकारों को मनाया और आश्वासन दिया कि तालाब के साथ रामलीला मैदान को भी साफ कराया जाएगा। इसके बाद शनिवार के एपिसोड का मंचन 2 घंटे देरी से हुआ।
सदियों पुरानी रामलीला को बंद कराने की साजिश!
अवतार पांडे ने बताया कि रामलीला यहां 1545 से हो रही है लेकिन कभी इस तरह की समस्या सामने नहीं आई। उन्होंने आरोप लगाया कि तालाब के पास रहने वाले लोग सदियों पुराने इस कार्यक्रम को बंद कराने के लिए तालाब का इस्तेमाल कूड़ा फेंकने में करने लगे। उन्होंने कहा कि त्योहार के मौसम में भी मैदान को साफ करने का प्रयास नहीं किया जाता।
तालाब के पास अतिक्रमण हटाने का काम शुरू
वहीं डीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि धनेसरा तालाब के आसपास से अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हो चुका है। यूपी के मंत्री और वाराणसी से विधायक नीलकंठ तिवारी ने कहा, ‘इस तालाब का पुनरुद्धार और सौंदर्यीकरण किया जाएगा और अतिक्रमण को वहां से हटा दिया जाएगा। एक बार प्रॉजेक्ट पूरा होने के बाद रामलीला कमिटी और स्थानीय लोगों की परेशानियां दूर हो जाएंगी।’