पूरे उत्तर भारत बाढ़ का कहर: यमुना खतरे के निशान से ऊपर, अस्पताल और घरों में घुसा पानी

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नई दिल्ली: उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश जारी है और इसका सबसे अधिक प्रभाव उत्तर प्रदेश में पड़ा है जहां वर्षा जनित हादसों में 12 लोगों की मौत हो गयी है जबकि दिल्ली में यमुना नदी में जलस्तर बढ़ कर खतरे के निशान से उपर चला गया है. यमुना नदी के खतरे के निशान के पार कर जाने के एक दिन बाद वर्षा के कारण उसके जलस्तर में लगातार वृद्धि होते रहने के कारण आज शाम यहां पुराने यमुना पुल पर यातायात रोक दिया गया.
Widespread floods of whole of north India: Yamuna rises above the danger mark, water in the hospital and houses
दिल्ली सरकार ने नदी की स्थिति पर नजर रखने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष और चौबीसों घंटे काम करने वाले आपात संचालन केंद्र स्थापित किये हैं अधिकारियों के अनुसार यमुना आज शाम 205.5 मीटर पर बह रही थी और खतरे का निशान 204.83 मीटर है.

उत्तर प्रदेश में हाल-बेहाल
उत्तर प्रदेश में गुरूवार से अब तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 70 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 77 घायल हो गए हैं. इनमें से सबसे अधिक 11 लोगों की मौत सहारनपुर में हुई है. वही आज शामली की कृष्णा नदी में भी 2 लोगों के डूबने की आशंका है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के अधिकारियों को सावधान रहने तथा प्रभावित इलाकों का दौरा करने का निर्देश दिया है.

हिमाचल प्रदेश रोकी गई यात्रा
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से किन्नौर जिले में किन्नर कैलाश यात्रा अगले आदेश तक निलंबित कर दी गयी है. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भारी बारिश एवं बाढ़ के चलते किन्नर कैलाश यात्रा को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है. एक अधिकारी ने आज बताया कि यह कदम कांगरांग नदी में अचानक आयी बाढ़ में दो लोगों के बह जाने की घटना के एक दिन बाद आया है. अधिकारी ने बताया कि किन्नौर कैलाश पर्वत के रास्ते में बड़ी संख्या में श्रद्धालु फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश पुलिस एवं भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने किन्नौर कैलाश पर्वत के रास्ते में फंसे 276 श्रद्धालुओं को बचाया है.

हरियाणा में घरों में घुसा पानी
हरियाणा के दो जिलों के तीन दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी जमा होने के बाद, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके साथ ही उन्होंने भारी बारिश से फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा के लिए अधिकारियों को एक विशेष ‘गिरदावारी (राजस्व समीक्षा)’ करने के निर्देश दिए. प्रशासन ने शनिवार को यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है. अधिकारियों ने कहा कि हथिनी कुंड बैराज से 600,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुनानगर जिले के 30 गांवों और करनाल जिले के 10 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया. यमुना नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.