TIO भोपाल
मध्य प्रदेश की सियासत में इस समय रोचक घटनाक्रम हो रहे हैं। कांग्रेस लगातार एक के बाद एक पूर्व कांग्रेसी विधायकों की घरवापसी करवाने के दावे कर रही है। जिससे बीजेपी पूरी तरह से बैकफूट पर आ गई है। लगातार नए नए समीकरण सामने आ रहे हैं। कांग्रेस के लगभग सभी मंत्री बीजेपी विधायकों के समपर्क में होने का दावा कर रहे हैं। इस बीच किसी विधायक का सबसे अधिक नाम सामने आ रहा है तो वह हैं संजय पाठक।
दरअसल, संजय पाठक ने विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट से 2008 और 2013 में कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की थी. लेकिन 2014 में हुए उपचुनाव में भी संजय पाठक ने बीजेपी ज्वॉइन कर जीत हासिल की थी। फिर 2018 के चुनाव में भी वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। अब लगातार कांग्रेस की ओर से दावा किया जा रहा है कि वह भी पार्टी के संपर्क में हैं। अटकलें हैं कि सीहोर से बीजेपी विधायक सुदेश राय और दिनेश राय मुनमुन सिवनी से जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, अभी तक यह दावा मीडिया रिपोर्ट में किए जा रहे हैं।
पाठक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह किसी भी हाल में पार्टी नहीं छोड़ेंगे। सभी जानते हैं कि मेरे पिता 1993 और 98 में कांग्रेस विधायक रहे हैं। वह दिग्विजय सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। इसके अलावा भी वह मध्य प्रदेश कांग्रेस में बड़े पदों पर रहे हैं। मैं वर्तमान कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों से मुलाकात करता रहता हूं क्योंकि वह मेरे बचपन के दोस्त रहे हैं। कैबिनेट के 28 में से 26 मंत्री मेरे दोस्त हैं। लेकिन बीजेपी मेरा घर है। और मैं फिलहाल पार्टी को छोड़कर नहीं जाऊंगा।
गौरतलब है कि गुरुवार को दोपहर पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक संजय पाठक ने मंत्रालय पहुंचे थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की थी। हालांकि, संजय इस मुलाकात की खबरों को सिरे से खारिज कर चुके हैं। फिर भी अटकलें है कि यदि संजय पाठक ने कांग्रेस का दामन थामा तो भाजपा को संजय पाठक के साथ और भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। पूर्व कांग्रेसियों के बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आने के सवाल पर जबाव देते हुए संजय पाठक ने कहा कि मैं अभी बीजेपी में हूं और बीजेपी का एक कार्यकर्ता हूं। बीजेपी विधायकों में कोई नाराजगी नहीं हैं, सभी खुश हैं।