ब्रजेश राजपूत की ग्राउंड रिपोर्ट
हमारे एमपी में मतदान को अब एक सिर्फ एक महीना ही बचा है, आज से ठीक एक महीने बाद आप इस वक्त वोट डालने की तैयारी कर रहे होंगे। ये अलग बात है कि चुनाव का माहौल पूरे प्रदेश से गायब है। हां यदि चुनाव का माहौल कहीं दिख रहा है तो भोपाल में राजनीतिक पार्टियों के दफतरों पर और उसमें से भी यदि आपको चुनाव से जुडे नाटक नौटंकी हंगामा इमोशन सत्ता की चमक दमक नेताओं की ऐंठन और कार्यकर्ताओं की हर नेता के पैरों पर गिर गिर पडने की अदा देखना है तो आइये दीनदयाल परिसर यानिकी अरेरा कालोनी के बीजेपी दफतर में। सुबह से शाम तक खडे हो जाइये और चुनाव से जुडे नये नये रंग देखिये।
Yanika Ajb Gajab Tikatthi will do anything for the ticket
दश्य एक । पार्टी दफतर में रोजमर्रा की तरह चहल पहल है। चुनाव के चलते लोग ज्यादा आ रहे हैं और दफतर के कमरों में जा जाकर अपने परिचित नेता को देखते हैं मिलते हैं नयी उमर के लोग साथ हों तो सेल्फी का दौर चल जाता है, नेता खुश हैं कि पार्टी दफतर में बैठने पर भी उसका सेसेक्स इतना उपर है तो कार्यकर्ता इस बात पर इठला रहा है कि नेता जी ने उसके कंधे पर हाथ रख दिया और हाथ में रखा बायोडाटा लेकर कहा जरूर देखेंगे आप तो काम करिये। भाईसाहब काम तो पिछले पंद्रह सालों से कर ही रहें हैं मगर इस बार अपने को टिकट मिल जाये तो पिछली बार से ज्यादा से सीट निकालेंगे।
ये सारी कवायद चल ही रही है कि अचानक परिसर के आसपास सूं सूं सायरन की आवाज गूंजने लगती है और ये दफतर के पास खडे नेता जी अचानक ये वार्तालाप बीच में छोडकर गेट की तरफ भागते हैं। जब तक वो बाहर पहुंचते हैं परिसर में अंदर प्रवेश की नेता जी की गाडी चारों तरफ से घिर चुकी होती है। दरवाजा खुलना मुश्किल होता है। और वो दिल्ली वाले नेता जी चेहरे पर मुश्कान और परेशानी का भाव एक साथ लाते हुये पैरों पर गिर रहे लोगों को बिना देखे चलते हुये सीढियों की ओर चले जा रहे हैं उनके दोनों हाथ सामने आ रहे लोगों से बायोडाटा लेते हुये व्यस्त हैं और थोडी देर बाद ही वो सीढियां फिर कमरे में बंद हो जाते हैं जहां कोई बैठक चल रही है।
नेता जी को बायोडाटा हाथ में देने की मशक्कत को भली भांति पूरी तरह पूरा करने के बाद संतुष्टि का भाव लिये हुये अपने लोगों से बतियाने में व्यस्त थे मंदसौर जिले की मनासा से आये रामेश्वर पाटीदार। हमने कहा आपने बडी मेहनत की तो उनका चेहरा खिल सा गया बोले भेया सारी मेहनत टिकट की है मिल गयी तो ठीक वरना अगले पांच साल फिर किसी काम के नहीं रहेंगे।
दृश्य दो । अचानक बीजेपी दफतर की शांति को भंग करती हुयी आवाजें लगने लगती हैं अभी तो ये अंगडाई है आगे और लडाई है। कौन लडने आया है ये देखने हम निकलते हैं तो फिर नया नारा सुनने मिलता है अपना नेता कैसा हो मुन्ना भैया जैसा हो। देखते हैं कि करीब पच्चीस तीस लोगों का झुंड परिसर में आते ही नारेबाजी में लग गया है। नारेबाजों के हाथ में छोटे छोटे प्लेकार्ड भी हैं जिसमें मुन्ना भैया की हाथ जोडे फोटो लगी है। ये लोग देवास जिले के खातेगांव से आये है।
और स्थानीय बीजेपी विधायक की खिलाफत कर अपने मुन्ना भेया की वकालत कर टिकट मांग रहे हैं। दफतर से भारी भरकम शरीर वाले एक वरिष्ट प्रकार के नेता जी आते है और इनको समझाने की कोशिश करने लगते हैं। मगर ये क्या भाईसाहब आपने इस बार विधायक जी को टिकट दी तो हम ये करेंगे क्या करेंगे अचानक साथ आये सारे लोग दायां हाथ आगे लाकर शपथ लेने के अंदाज में बोलने लगते हैं बीजेपी हमारी मां हैं मगर हम शपथ लेते हैं कि यदि वर्तमान विधायक को टिकट दिया तो हम कसम खाते हैं पार्टी का काम नहीं करेंगे। जय हिंद। भारत माता की जय।
दृश्य तीन । पार्टी दफतर अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या में व्यस्त है कि अचानक कुछ भगवाधारी आते हैं और पार्टी दफतर की सीढियां चढने से पहले स्वस्ति वाचन शुरू हो जाता है। एक भगवाधारी सज्जन धीरे धीरे सीढियां चढते हैं ओर उनके साथ आये लोग मंत्रोच्चार के साथ ही फूल बरसाने लगते हैं। जैसे ही ये धार्मिक सीरियल सरीखी एंटी का सीन खत्म होता है तो पता चलता है कि ये देव दुर्लभ कार्यकर्ता सागर से आये है और स्थानीय विधायक के खिलाफ नाराजगी जता कर संत जी की दावेदारी करने आये है। पार्टी दफतर में अंदर जाकर वो अपना बायोडाटा देते हैं और पूरा जीत हार का गणित समझा कर आ जाते हैं। हमने पूछा गुरूजी क्या हुआ अपना काम कर दिया आगे प्रभु इच्छा मगर हां इतना सत्य है कि पार्टी ने यदि वर्तमान विधायक को टिकट दिया तो बुरी तरह हारेगा।
दृश्य चार । सुनिये हम आपको एक बहुत बडी खबर दे रहे हैं जरा माइक लगाइये हमारी तरफ। एक लंबे उंचे से सज्जन हमारी तरफ आते हैं और ये बडी खबर का लालच देते हैं। कौन सी खबर भाई। खबर ये है कि अब हमारा समाज बीजेपी को नहीं सपाक्स को सपोर्ट करेगा। कौन सा समाज तब उन्होंने किसी समाज का नाम लिया और इशारा किया कि ये हमारे समाज के राष्टीय अध्यक्ष हैं और पिछली तीन बार से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं इस बार फिर टिकट मांगने आये हैं मगर लग नहीं रहा कि टिकट मिलेगी इसलिये हम आपके चैनल पर ऐलान करने जा रहे हैं कि हमारा समाज सपाक्स को वोट करेगा। आपके समाज के लोग कितने है जबाव आता है करीब एक लाख।
ऐसे अजब गजब टिकटार्थियों की चर्चा जब हमने लंबे समय से चुनाव के काम से जुडे योगेश राठौर से की तो वो हंसकर बोले भाई टिकट मांगने के इतने सारे तरीके और अंदाज होते हैं कि आप एक पूरी किताब ही इस पर लिख सकते हो। हमने भी सोचा है कि यदि ये कालम ज्यादा पसंद किया गया तो इन पर किताब लिखने की सोचूंगा।
एबीपी न्यूज, भोपाल