नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चरम पर है, और दोनों प्रमुख पार्टियां पूरी ताकत से एक दूसरे का विरोध करने में जुटी हैं… कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपनी दूसरी पारी के लिए मैदान में हैं, और इखढ ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करते हुए अतीत में अपनी गद्दी गंवा चुके पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भावी मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया है.
Yeddyurappa does not trust Shah, but not like Dhumal
राज्य में अपनी पहली रैली को छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पद के दावेदार येदियुरप्पा एक साथ एक मंच पर नजर नहीं आएंगे, ताकि कांग्रेस के खिलाफ लगातार हमले बोलते प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस के पलटवारों का सामना नहीं करना पड़े…
वैसे, येदियुरप्पा इस बात से भी दु:खी बताए जाते हैं कि उनके पुत्र को विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया गया है, ताकि प्रधानमंत्री वंशवाद को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया तक पर हमले बरकरार रख सकें, और कांग्रेस को इखढ पर वंशवाद का आरोप लगाने का अवसर नहीं मिल सके.
प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा नहीं करने देने, और पुत्र को टिकट नहीं देने के अलावा भी येदियुरप्पा के पास चिंताएं मौजूद हैं. सूत्रों की मानें, तो कर्नाटक में अकेले दम भाजपा की उपस्थिति स्थापित करने वाले येदियुरप्पा बेहद परेशान हैं, क्योंकि उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के इरादों पर भरोसा नहीं है, और उन्हें इस बात का डर है कि पार्टी की जीत की स्थिति में भी उनकी उम्र को बहाना बनाकर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया जाएगा… गौरतलब है कि भाजपा में 75 वर्ष की आयु को सेवानिवृत्ति की आयु बताया जाता है…