बजरंगबली पर दिए बयान पर घिरे योगी, बढ़ता जा रहा है विवाद, दिग्गी ने भी कसा तंज

0
246

नई दिल्ली/लखनऊ। राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अलवर में प्रचार करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा बजरंगबली पर दिए गए बयान पर विवाद हो गया है। एक ओर जहां विपक्ष ने इसे वोट पाने का रणनीति बताया है, वहीं दूसरी ओर एक्सपर्ट का कहना है कि पुराने समय में लोग जातियों में नहीं बंटे थे।
Yogi, surrounded by statements on Bajrangbali, is getting increasingly controversy, Diggy even tastes
डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने सीएम का नाम लिए बिना अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा, देवी-देवताओं की जाति और धर्म को न ढूंढ़ें। हमारे लिए वह आस्था का विषय हैं, आपके लिए हो सकता है राजनीति का हो। हमने तो कभी नहीं सुना कि हनुमान जी दलित थे या महिषासुर दलित था। वैदिक काल में न तो धर्म थे न जाति।

एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिह ने भी योगी के बयान पर तंज कसा। दिग्विजय ने ट्विटर पर लिखा, ‘बीजेपी का अजेंडा है कि राम मंदिर विवाद चलता रहे, हजारों करोड़ की मूर्तियां बनवाओ, हनुमान जी को जातिवर्ग में शामिल करो, विज्ञान को पीछे करके किवदंतियों को आगे लाओ और जुमलों के सहारे जनता को सपने दिखाओ।’

विपक्ष के हमले को देखते हुए बीजेपी सांसद उदित राज ने योगी के बयान पर कहा, ह्यस्थापित हो चुका है कि रामराज्य के समय भी दलित हुआ करते थे। उस समय जाति व्यवस्था थी। लोग चुनाव में कहते हैं कि जाति के हिसाब से वोट नहीं पड़ना चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। लोगों का जोर जाति पर ज्यादा होता है। तभी योगीजी ने जाति के नाम पर अपील की है।ह्ण जब बीजेपी सांसद से यह पूछा गया कि रामराज्य में भी दलित थे, तो जब बीजेपी रामराज्य लाने की बात करती है तो क्या पार्टी जाति व्यवस्था खत्म नहीं करना चाहती? इसके जवाब में उदित राज ने कहा कि अगर रामराज्य फिर से लौटता है तो जाति बनी रहेगी।

आपको बता दें कि राजस्थान की ब्राह्मण सभा ने योगी को कानूनी नोटिस भेजा है। सर्व ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने कहा, बजरंगबली की पूजा हर जगह होती है। उनके प्रति हिंदू समाज की गहरी आस्था है। ऐसे में उन्हें दलित बताकर जातिगत सियासत का कार्ड खेलना बेहद शर्मनाक है। इससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। योगी को माफी मांगनी चाहिए।