गीतकार – महावीर सिंह
मेरी आगोश में तुम जो आने लगे
ऐसे दिन देखने को ज़माने लगे
रूह में तुम जो मेरी समाने लगे
ऐसे दिन देखने को ज़माने लगे।।
चाहतों की हवाओं में दिल बह गया
आशिकी का ये तूफान आना ही था
मैं समंदर हूं और तुम हो बहती नदी
एक दिन तुमको मुझमें समाना ही था,
मुद्दतों में ये मौसम सुहाने लगे
ऐसे दिन देखने को ज़माने लगे।।
दिल मोहब्बत में डूबा हुआ है मेरा
एक तुम्हीं को ही दिल चाहता है मेरा
इश्क का हो रहा है असर इस कदर
चांद से भी हसीं आ रहे तुम नज़र,
हुस्न की खुशबुएं हम चुराने लगे
ऐसे दिन देखने को ज़माने लगे।।
खूबसूरत नज़र इतने तुम आ रहे
फूल भी देखकर तुमको शरमा रहे
हुस्न कातिल तुम्हारा है जादू भरा
दिल हमारा हुआ जा रहा बाबरा,
बिजलियां तुम जो मुझ पर गिराने लगे
ऐसे दिन देखने को ज़माने लगे।।
हाथ ना छूटे ना साथ छूटे कभी
ना ख़ुदा रुठे ना यार रुठे कभी
तुम बड़े ही नसीबों से मुझको मिले
मुश्किलों से मेरे दिल में गुलशन खिले,
मिल गये तुम तो ग़म दूर जाने लगे
ऐसे दिन देखने को ज़माने लगे।।