नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) ने लोकसभा चुनाव बेशक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर लड़ा हो, लेकिन पार्टी हार की जिम्मेदारी केजरीवाल पर नहीं डालना चाहती है। इसकी जगह आप हार की सामूहिक जिम्मेदारी लेने की बात कर रही है। वहीं पार्टी का बड़ा दावा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में आप एक बार फिर पूर्ण बहुमत से चुनाव जीतेगी। लोकसभा चुनाव में आप की चुनावी रणनीति के केंद्र में अरविंद केजरीवाल थे। अलग-अलग इलाकों में चुनावी रैलियां करने के साथ केजरीवाल ने हर लोक सभा में रोड शो भी निकाला था।
सबसे ज्यादा रैलियां व रोड शो केजरीवाल के नाम पर रहीं। बावजूद इसके पार्टी सभी लोकसभा क्षेत्रों में हार गई है। यहां तक कि तीन उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। इसमें से उत्तर पूर्वी दिल्ली के प्रत्याशी दिलीप पांडेय व चांदनी चौक प्रत्याशी पंकज गुप्ता के तौर पर पार्टी के दो बड़े चेहरे भी शामिल हैं।
दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय का कहना है कि आप का पूरा चुनाव प्रचार सामूहिक था। ऐसे में हार की जिम्मेदारी भी सामूहिक है। लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी लड़ा गया। आप के लिए चुनौती यही थी कि वोटर की इस मानसिकता को तोड़कर दिल्ली के मसले पर वोट कराया जाए। इस मामले में पार्टी नाकाम रही है। पार्टी लोगों को समझाने में कामयाब नहीं हो सकी कि केंद्र के लिए हो रहे चुनाव में आप को वोट क्यों दिया जाए।