जबलपुर। पापा दसवीं में फेल और मां कभी स्कूल ही नहीं गई, लेकिन इनका बेटा सनी रजक देश के टॉप कॉलेजों में शिक्षा ले रहा है। पिता ने हमेशा से सपना देखा था कि बेटे को दसवीं तक पढ़ाना है। बेटे की किस्मत में इससे कहीं अधिक शिक्षा हासिल करना लिखा था।
यही वजह है कि आज बेटा ट्रिपल आईटीडीएम से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है और कैट की परीक्षा में देश से चयनित कुल 300 छात्रों में वो भी शामिल है। आईआईएम बैंगलोर और अहमदाबाद के लिए चयनित हुए सनी ने अपनी अब तक के सफर को साझा किया और बताया कि किस पारिवारिक परिवेश से निकलकर वो उच्च शिक्षा हासिल करने के पात्र हुए हैं।
घर की माली हालत खराब
सनी के पिता राजेश रजक और माता परमीला देवी जमशेदपुर में एक छोटी सी लॉन्ड्री चलाते हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पिता दसवीं फेल है और मां तो कभी स्कूल गई ही नहीं। सनी ने बताया कि पापा ने मुझे सिर्फ दसवीं तक पढ़ाने का सपना देखा था, लेकिन मैंने दसवीं में 93.6% हासिल कर स्कूल में टॉप किया तो मुझे 11वीं और 12वीं में स्कॉलरशिप मिली जिससे मेरी स्कूली शिक्षा पूरी हो गई। जेई मेंस में आॅल इंडिया रैंक 10 हजार के अंदर थी जिसके कारण ट्रिपल आईटीडीएम में प्रवेश मिल गया। यहां से कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग कर रहे सनी का ये आखिरी सेमेस्टर चल रहा है।
इन्होंने डेढ़ साल तैयारी के बाद कैट की परीक्षा दी। इस परीक्षा में 2 लाख 30 हजार छात्र पूरे देश से बैठे थे। इसमें से 300 छात्रों को चयनित किया गया है। इसमें सनी भी शामिल है। इन्हें अभी तक आईआईएम बैंगलोर और आईआईएम अहमदाबाद के लिए चयनित किया जा चुका है। सनी ने अपनी सफलता का श्रेय टाइम कोचिंग व अभिषेक अग्रवाल को दिया है।
माता-पिता को काम से छुट्टी देने का सपना
सनी ने बताया कि मेरे पैरेंट्स ने बहुत बुरा वक्त देखा है। जब मैं अपना कोई काम शुरू करूंगा या फिर जॉब मिलेगी तो मैं अपने पैरेंट्स को जॉब से फ्री कर दूंगा। उनकी लाइफ को अच्छा बनाना ही मेरा सपना है। छोटी बहन नेहा कुमारी बीकॉम की शिक्षा प्राप्त कर रही है। इंजीनियरिंग के बाद एमबीए मार्केटिंग एंड कंसल्टेंसी से करके अपना कुछ अलग काम करना चाहता हूं। सनी एनएसएस से भी जुड़े हैं, जिससे वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।