जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए कोटवार की सेवाभूमि को नजूल भूमि घोषित किए जाने पर रोक लगा दी। इसी के साथ राज्य शासन, कलेक्टर बैतूल व तहसीलदार मुलताई को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।इस दौरान याचिकाकर्ता मुलताई बैतूल निवासी पुनियाबाई मेहरा की ओर से अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 28 फरवरी 2017 व 13 अगस्त 2017 के दो आदेशों के जरिए याचिकाकर्ता की सेवाभूमि को नजूल भूमि घोषित करने की तैयारी कर ली गई।
Madhya Pradesh High Court stops imposing ban on declaring land
चूंकि सेवाभूमि से ही परिवार का भरण-पोषण होता आया है। बहस के दौरान कोर्ट को अवगत कराया गया कि अंग्रेजों के शासनकाल के समय मालगुजारी प्रथा थी, तब कोटवारों को सेवाभूमि प्रदान की गई थी। यह सेवाभूमि नियमानुसार कोटवारों के नाम दर्ज होनी चाहिए लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं किया जा रहा है जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में सेवाभूमि पर मालिकाना हक दिया गया है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नजूल भूमि घोषित करने पर लगाई रोक
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31.05.2019
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