वर्ल्ड डेस्क
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भाजपा के चुनावी नारे- ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंंत्री एस जयशंकर की तारीफ की है। पोम्पियो 24 जून को भारत दौरे पर आने वाले हैं। पोम्पियो ने भारत-अमेरिका व्यापार परिषद की बैठक में कहा कि वह ये देखना चाहते हैं कि मोदी दोनों देशों के रिश्ते को कैसे मजबूत बनाते हैं। उन्होंने एस जयशंकर को मजबूत साथी बताते हुए कहा कि वह अपने समकक्ष से मिलने के लिए उत्साहित हैं।
उन्होंने कहा, “जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हाल ही के चुनावी अभियान में कहा था, ‘मोदी है तो मुमकिन है’, मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि अमेरिका और भारत के बीच क्या मुमकिन है।
अब देखना है कि वह दुनिया के साथ रिश्तों और भारत की जनता से किए वादों को कैसे संभव बनाते हैं। उम्मीद है कि वे अमेरिका के साथ रिश्तों को और मजबूत करेंगे। भारत यात्रा के दौरान ट्रंप प्रशासन के महत्वाकांक्षी एजेंडे पर बातचीत होगी।”
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार के मुद्दों में कुछ अंतर हैं। लेकिन हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं। अपनी भारत यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि वह वास्तव में मानते हैं कि दोनों देशों के पास अपने लोगों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया की भलाई के लिए एक साथ आगे बढ़ने का अवसर है।
पोम्पियो भारत के अलावा श्रीलंका, जापान और दक्षिण कोरिया भी जाएंगे। संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में चल रहे तनाव के बीच पोम्पियो की इस यात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी ने भी अमेरिका के साथ बढ़ते सहयोग का समर्थन किया है, खासतौर पर रक्षा क्षेत्र में।
लेकिन जब से ट्रंप प्रशासन ने भारत पर वेनेजुएला और ईरान से तेल ना खरीदने का दबाव बनाया है, तब से दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर चिंता थोड़ी बढ़ गई है। भारत पर मानदंडों को ठीक से ना मानने का आरोप लगाते हुए ट्रंप प्रशासन ने भारत को विशेष तरजीह वाले राष्ट्रों यानी जीएसपी की सूची से भी बाहर कर दिया है।
इससे पहले विदेश विभाग की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने संवाददाताओं को बताया कि पोम्पिओ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में 24 जून से 30 जून तक यात्रा करेंगे। इस यात्रा का मकसद मुक्त हिंद प्रशांत के साझा लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख देशों के साथ अमेरिका के संबंध गहरे करना है।