अयोध्या केस: मुस्लिम पक्षकार के वकील धवन को कथित धमकी देने के मामले में दो लोगों को नोटिस

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नई दिल्ली

उच्चतम न्यायालय ने आज अयोध्या विवादित जमीन मामले में मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश हो रहे वरिष्ठ वकील राजीव धवन को कथित धमकी देने के आरोप में दो लोगों को नोटिस जारी किया है। धवन राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील हैं। अदालत ने दोनों को दो हफ्ते के अंदर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

अदालत अब अवमानना याचिका पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगी। धवन ने सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी एन षणमुघम और राज्यस्थान के निवासी संजय कलाल बजरंगी के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की है। उन्होंने उनपर कथित तौर पर सुन्नी वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने के कारण धमकी देने का आरोप लगाया है।

इससे पहले सोमवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा था कि अवमानना याचिका पर विचार किया जाएगा। सिब्बल यहां धवन की ओर से पेश हुए थे।

पीठ ने कहा था, ‘इसे कल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।’ न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति डी. वाय. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर भी इस पीठ में शामिल थे। प्रमुख याचिकाकर्ता एम सिद्दीक तथा ऑल इंडिया सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने एक पूर्व सरकारी अधिकारी के खिलाफ शुक्रवार को शीर्ष अदालत में अवमानना याचिका दायर की थी।

इसमें उन्होंने आरोप लगाया गया था कि सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी एन. षणमुगम से 14 अगस्त, 2019 को उन्हें एक पत्र मिला, जिसमें उन्हें मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश होने की वजह से धमकी दी गई थी।