महागठबंधन में गांठ! राजद नेता बोले, प्रचार के वक्त पिकनिक मना रहे थे राहुल-प्रियंका, भाजपा ने ली चुटकी

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TIO पटना

कपिल सिब्बल का सोनिया-राहुल पर निशाना, बोले- लीडरशिप को शायद सब कुछ ठीक लग रहा है

बिहार चुनाव का नतीजा सामने आने के बाद महागठबंधन में मतभेद सामने आने लगे हैं। राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कांग्रेस की टॉप लीडरशिप पर निशाना साधा है। साथ-साथ चुनाव लड़ने वाली पार्टी के नेता राहुल पर शिवानंद ने कहा कि गठबंधन के लिए कांग्रेस बाधा की तरह रही। वो बोले कि चुनाव तो कांग्रेस ने 70 सीटों पर लड़ा, लेकिन 70 रैलियां भी नहीं की। शिवानंद ने कहा कि चुनाव के वक्त राहुल गांधी पिकनिक मना रहे थे।

बस 3 दिन के लिए बिहार आए राहुल- तिवारी
शिवानंद तिवारी ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी केवल 3 दिन के लिए बिहार में आए। प्रियंका गांधी तो आई ही नहीं। जिन लोगों को बिहार से सरोकार नहीं था, वो लोग यहां आए। यह सही नहीं है। वो बोले कि जब चुनाव पूरे जोर-शोर से चल रहा था, तब राहुल गांधी शिमला में प्रियंका के घर पिकनिक मना रहे थे।

बिहार चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर पार्टी नेता कपिल सिब्बल ने टॉप लीडरशिप यानी सोनिया और राहुल गांधी पर निशाना साधा है। सिब्बल ने कहा कि पार्टी ने शायद हर चुनाव में हार को ही नियति मान लिया है।

सिब्बल ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, “बिहार के चुनावों और दूसरे राज्यों के उप-चुनावों में कांग्रेस की परफॉर्मेंस पर अब तक टॉप लीडरशिप की राय तक सामने नहीं आई है। शायद उन्हें सब ठीक लग रहा है और इसे सामान्य घटना माना जा रहा है। मेरे पास सिर्फ लीडरशिप के आस-पास के लोगों की आवाज पहुंचती है। मुझे सिर्फ इतना ही पता होता है।”

‘जनता शायद कांग्रेस को असरदार नहीं मान रही’
सिब्बल का कहना है कि बिहार और उप-चुनावों के नतीजों से ऐसा लग रहा है कि देश की जनता कांग्रेस को प्रभावी विकल्प नहीं मान रही है। गुजरात उपचुनाव में हमें एक सीट नहीं मिली। लोकसभा चुनाव में भी यही हाल रहा था। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कुछ सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को 2% से भी कम वोट मिले। गुजरात में हमारे 3 कैंडिडेट्स की जमानत जब्त हो गई।

‘पार्टी लीडरशिप कमजोरियों को कबूलना नहीं चाहती’
सिब्बल ने कहा कि पार्टी ने 6 सालों में आत्ममंथन नहीं किया तो अब इसकी उम्मीद कैसे कर सकते हैं? हमें कमजोरियां पता हैं, यह भी जानते हैं संगठन के स्तर पर क्या समस्या है। शायद समाधान भी सबको पता है, लेकिन इसे अपनाना नहीं चाहते। अगर यही हाल रहा तो पार्टी को नुकसान होता रहेगा। कांग्रेस की दुर्दशा से सबको चिंता है।

‘कांग्रेस वर्किंग कमेटी में सुधार की जरूरत’
सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के मेंबर नॉमिनेटेड हैं। CWC को पार्टी के कॉन्स्टीट्यूशन के मुताबिक डेमोक्रेटिक बनाना होगा। आप नॉमिनेटेड सदस्यों से यह सवाल उठाने की उम्मीद नहीं कर सकते कि आखिर पार्टी हर चुनाव में कमजोर क्यों हो रही है?

सिब्बल पहले भी पार्टी लीडरशिप पर सवाल उठा चुके हैं
सिब्बल समेत कांग्रेस के 24 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव करने की जरूरत बताई थी। अगस्त में हुई CWC की मीटिंग में इस चिट्ठी को लेकर हंगामा भी हुआ था। राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को भाजपा के मददगार बता दिया था।

‘कांग्रेस बिहार चुनाव को लेकर गंभीर नहीं थी’
तिवारी ने कहा कि क्या कोई पार्टी ऐसे चलाई जाती है? जिस तरह से कांग्रेस को चलाया जा रहा, उसके हिसाब से ये आरोप लग सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राहुल गांधी से ज्यादा उम्रदराज हैं, लेकिन उन्होंने राहुल से ज्यादा रैलियां कीं। राहुल ने केवल 3 रैलियां क्यों कीं? ये दिखाता है कि कांग्रेस बिहार इलेक्शन को लेकर गंभीर नहीं थी। पहले ये खबर थी कि प्रियंका गांधी बिहार आएंगी, लेकिन ये भी नहीं हुआ। तिवारी ने कहा- कांग्रेस ने विधानसभा सीटों को जीतने से ज्यादा केवल ज्यादा से ज्यादा सीटें लड़ने पर जोर दिया। जिस तरह से यूपी में कांग्रेस ने अखिलेश के साथ व्यवहार किया, महाराष्ट्र में वो राकांपा से ज्यादा सीटों पर कैसे लड़ी और उनसे कम सीटें जीती। उनका जोर ज्यादा सीटों पर लड़ने पर रहता है, पर वो ज्यादा संभावित सीटों पर जीतने में कामयाब नहीं हो पाते। कांग्रेस को इस बारे में सोचना चाहिए।